कहाँ से तू आती है? कहाँ को तू जाती है?
सपनों को सजाती है, अपनों को ले जाती है
बाग़ों में जब बहती है, कानों में कुछ कहती है
आती है नज़र में, साँसों में पर रहती है
हवा है, पवन है, वायु है, पुरवाई है
जीवन है, जान है या परछाई है?
लेने आई है या कुछ मेरे लिए लाई है
पूछूँगा मैं क्या तुझ से, कहाँ से तू आई है?
तू कौन है? तू कौन है?
तू कौन है? तू कौन है?
तू जब चलती, चलते बादल
झुक जाती तो गिरते पत्ते
तू कहती तो दिए जलते फूलों के
दिल, दिल से मिलते
सागर की लहरों में लहराती है तू कल-कल
पत्तों के पायलों में लेती खन-खन
खट-खट कोई नहीं, ऐसा एक झोंका है
कुछ है, सच है या तू एक धोका है?
तू कौन है? तू कौन है?
तू कौन है? तू कौन है?
कहाँ से तू आती है? कहाँ को तू जाती है?
सपनों को सजाती है, अपनों को ले जाती है
बाग़ों में जब बहती है, कानों में कुछ कहती है
आती है नज़र में, साँसों में पर रहती है
तू कौन है? तू कौन है?
तू कौन है? तू कौन है?
तू कौन है? तू कौन है?
तू कौन है? तू कौन है?