Amaal Mallik
Kuch To Hai
आहटें, कैसी ये आहटें
सुनता हूँ आजकल, ऐ दिल, बता
दस्तकें, देते हैं दस्तकें
क्यूँ अजनबी से पल, ऐ दिल, बता

कुछ तो है जो नींद आए कम
कुछ तो है जो आँखें हैं नम
कुछ तो है जो तू कह दे तो
हँसते-हँसते मर जाएँ हम

मुझसे ज़्यादा मेरे जैसा कोई है तो है तू
फिर ना जाने दिल मेरा क्यूँ तुझको ना दे सकूँ

कुछ तो है जो दिल घबराए
कुछ तो है जो साँस ना आए
कुछ तो है जो हम होंठों से
कहते-कहते कह ना पाएँ

जो हमारे दरमियाँ है, इसको हम क्या कहें?
इश्क़ क्या है? एक लहर है, आओ इसमें बहें

कुछ तो है जो हम हैं खोए
कुछ तो है जो तुम ना सोए
कुछ तो है जो हम दोनो यूँ
हँसते-हँसते इतना रोए