Muhfaad
DUSSEHRA (HINDI TRANSLATION)
और बदतमीजी बर्दाश्त नहीं करेंगे हम

अभी अधूरी कहानी है
सर से ऊपर पानी है
पारा तो चढ़ेगा
सबको ही चढ़ी जवानी है
अब आना तो पड़ेगा
बातें दुनिया को बतानी है

लोग ही बता देंगे फिर के
कौन नकली प्राणी है ?
जो बोला मैंने फोन पे
मैं बातों पर टिकूँगा
जिंदगी भर होगी टाइपिंग
पर स्क्रीनशॉट नहीं लूंगा
दुनिया के आगे बात
होगी सरेआम मात
जीतूंगा शान से या हार के
सम्मान में झुकूंगा

कलमकार वाले वीक हो रहे हैं
रफ्तार कृष्णा
एंटीक हो रहे हैं
पहले स्टूडियो में बंद थे
जो गाने इंडिपेंडेंट हो गए
आज़ाद कुछ ज्यादा ही
अब लीक हो रहे हैं
रेप खेल ही वो जिसमें
सबको बनना एक नंबर
4 लौंडे साइंड रहेंगे
रफ़्तार के ही अंडर
दुनिया जितना चाहती
पर सच नहीं बताते
पहले रियल तो बन जाओ
बाद में बन लेना सिकंदर
कहां थी मर्यादा जब बात
घरवालों पर आई?
कहां था बेचारा जो
भड़काया हरजाई
मर्यादा कि वह बातें
सारी छोटी थी
कहने को नहीं दिल से
माना था तुझे बड़ा भाई

दिलीन नायर
सच्चा लायर तभी अच्छा लॉयर
पर मैं पक्का शायर
छोड़कर भागे लंका कायर
रफ्तार जितनी भी हो
चक्के जाम में सिएट का टायर
आई वॉज बोन फायर
तभी ओपन फायर!
मैं इरिटेटिंग नहीं हूं,तुम में
सुनने की शक्ति नहीं
प्यार में जताने वाली आदत
मुझे जचती नही
सब में है भगवान इसलिए
होती मुझमें भक्ति नहीं
मेरी तला मेरा ताज मुझसे
तुम भी छीन सकते नहीं
मेरी रजाओ के
आगे तेरा खुदा क्या है?
मुझसे वह पूछता नहीं है
तेरी रजा क्या है
मेहनत में तो सिर्फ
जोर लगता है बॉडी का
दिमाग से हराया इन्हें
पूछते कि वजह क्या है
बेवजह तुम फालतू में घुसते हो
सच है भाई सबका सोचने से
बैटर रेप करो अच्छा भाई
मौके भी दिलाओ सबको
धोखे भी खाओ
क्योंकि सबका भाई नहीं होता
किसी एक का भी
सच्चा भाई

ज़ख्म था गहरा
दिल था ये कह रहा
निकलेगा दिवाला
आज मनेगा दशहरा
ज़ख्म था गहरा
दिल था ये कह रहा
निकलेगा दिवाला
आज मनेगा दशहरा
ज़ख्म था गहरा
दिल था ये कह रहा
निकलेगा दिवाला
आज मनेगा दशहरा
ज़ख्म था गहरा
दिल था ये कह रहा
निकलेगा दिवाला
आज मनेगा दशहरा

जिक्र हरजास का किया था
पहले वर्सेस में
पीछे रह गए मोटे भाई
दिमाग कि तुम वर्ज़िश में
इसी बीट पेतो डिस कर रहा था
ना कलमकार को
और अब फट रही होगी
है मुंह फाड़,तेरे वर्सेस में

ज्ञान कम बांटो यहां सारे हैं ज्ञानी
तुमने सुनी नहीं किसी की
बस अपनी सुनानी
निराशा है के बादशाह
की बात नहीं समझे
बंदा बनता तेज़ पर है
कुदरत बड़ी सयानी

हवाबाजी वाली
हस्की आवाज है
कुछ मुह में लिया,या गले पे
अंकित का हाथ है?
धंधे वाले ज्यादा दिन
देते नहीं साथ हैं
मां-बहन बीच में ला रहे हैं
जो क्या साले अनाथ है
इज्जत मर्यादा की खिदमत में
हाथ मत करो
लोगों को फुद्दु बना के
पलटा बात मत करो
हल्का हाथ मत रखो
सच्चाई में है ताकत
इससे बेहतर है कि मुंह फाड़
को याद मत करो
लिखाई की रहेगी
सदा बीफ ओपन

खाली है कॉफी लेट जाओ
करो स्लीप टॉकिंग
दुनिया की सुन सुन के हो
गया मैं बहरा
हर बीट लगे हैवन
मैं लिरिकली बीथोवन
गाने बन रहे नहीं पर
शाणे सारे बन रहे हैं
कलमकार कर्मा लेके
ये काले काम कर रहे हैं
इज्जत है कमाई भाई
खौफ तो है लाजमी
कैमरा के पीछे ये खुद
सारे काम कर रहे हैं
गानों में फेमिनिस्ट ये
असलियत से दूर है
परिवार तो बनाया पर
सिखाए नहीं उसूल है
गाली मां बहनों को पढ़े
शेयर करते ये जरूर है
यह रिस्पेक्ट वूमेन बोलकर
शायद खुद भूल है
डीएनएच मतलब
दारू एंड हैश

दूसरों के ड्रीम और
हसल पर अटैक
खुद करें नशे ये
मना करें दूसरों को
कहां से है रियल
ये कहां गए फैक्ट्स?
लिख लिख के है बदली
मैंने हाथों की लकीरें
हक की लड़ाई
लड़नी होती है सभी ने

ये कर्मा है जो पड़ गया
उल्टा इनके सीने
मेरी माँ के आँशु झूठे हैं
तो सही किया हनी ने

ज़ख्म था गहरा
दिल था ये कह रहा
निकलेगा दिवाला
आज मनेगा दशहरा

ज़ख्म था गहरा
दिल था ये कह रहा
निकलेगा दिवाला
आज मनेगा दशहरा

उठी चिंगारी सीने में
तो आंच बन गए
मेरे हथियार ये क़लम
और साज बन गए
जन्मे तो हम भी
आम इंसान ही थे
इंसानियत समझ ली
तो महाराज बन गए।