Lata Mangeshkar
Seene Mein Sulagte Hai Armaan
सीने में सुलगते हैं अरमाँ
आँखों में उदासी छाई है
ये आज तेरी दुनिया से हमें
तक़दीर कहाँ ले आई है
सीने में सुलगते हैं अरमाँ

कुछ आँख में आँसू बाक़ी हैं
जो मेरे ग़म के साथी हैं
जो मेरे ग़म के साथी हैं

अब दिल है ना दिल के अरमाँ हैं
अब दिल है ना दिल के अरमाँ हैं
बस मैं हूँ, मेरी तन्हाई है
सीने में सुलगते हैं अरमाँ
ना तुझसे गिला कोई हमको
ना कोई शिकायत दुनिया से

दो-चार क़दम जब मंज़िल थी
दो-चार क़दम जब मंज़िल थी
क़िस्मत ने ठोकर खाई है
सीने में सुलगते हैं अरमाँ
एक ऐसी आग लगी मन में
जीने भी ना दे, मरने भी ना दे

चुप हूँ तो कलेजा जलता है
चुप हूँ तो कलेजा जलता है
बोलूँ तो तेरी रुसवाई है
सीने में सुलगते हैं अरमाँ