Lata Mangeshkar
Dur Dur - From “Chalte Chalte”
दूर दूर तुम रहे
पुकारते हम रहे
आज की रात तुम जाओ ना
आकर बाँहों मैं
समाकर आहों में
अब यूँ नज़र को चुराओ ना

दूर दूर तुम रहे
पुकारते हम रहे
आज की रात तुम जाओ ना
आकर बाँहों मैं
समाकर आहों में
अब यूँ नज़र को चुराओ ना

दूर दूर तुम रहे
पुकारते हम रहे
आज की रात तुम जाओ ना

आज रात को हुस्न इश्क़ को
फिर बुला रहा है
फिर बुला रहा है
आग पानी मैं
किस प्यार से
फिर मिला रहा हैं
फिर मिला रहा हैं
फिरसे वो प्यारे बहार के दिन
आज तुम ले आओ ना
दूर दूर तुम रहे
पुकारते हम रहे
आज की रात तुम जाओ ना
आकर बाँहों मैं
समाकर आहों में
अब यूँ नज़र को चुराओ ना

दूर दूर तुम रहे
पुकारते हम रहे
आज की रात तुम जाओ ना

चलते चलते कहीं
बीच राह में
खो गए थे तुम
खो गए थे तुम
प्यार में खो कर
हमारे ही हो कर
हो गए थे ग़ुम
हो गए थे ग़ुम
प्यासी तुम्हारी कबसे हूँ मैं
अब तुम तरसाओ ना

दूर दूर तुम रहे
पुकारते हम रहे
आज की रात तुम जाओ ना
आकर बाँहों मैं
समाकर आहों में
अब यूँ नज़र को चुराओ ना
दूर दूर तुम रहे
पुकारते हम रहे
आज की रात