Lata Mangeshkar
Maine Kaha Phoolon Se
मैंने कहा फूलों से...
मैंने कहा फूलों से, "हँसो"
तो वो खिलखिला के हँस दिए
और ये कहा, "जीवन है
भाई, मेरे भाई, हँसने के लिए"

हो, मैंने कहा फूलों से, "हँसो"
तो वो खिलखिला के हँस दिए
और ये कहा, "जीवन है
भाई, मेरे भाई, हँसने के लिए"
हँसने के लिए

मैंने कहा फूलों से, "हँसो"
तो वो खिलखिला कर हँस दिए

सूरज हँसा तो बिखर-बिखर गईं किरणें
सूरज हँसा तो बिखर-बिखर गईं किरणें
सूरज हँसा रे, किरण-किरण चुन कर धरती ये
सज के सुनहरी बन गई रे

मैंने कहा...
तो मैंने कहा सपनों से, "सजो"
तो वो मुस्कुरा के सज गए
और ये कहा, "जीवन है
भाई, मेरे भाई, सजने के लिए"
सजने के लिए
मैंने कहा फूलों से, "हँसो"
तो वो खिलखिला कर हँस दिए

ये शाम तो यूँ हँसे, जैसे हँसे दुल्हन
ये शाम तो यूँ हँसे, जैसे हँसे दुल्हन
ये शाम तो नीले-नीले साँवले अंबर में
रंग जो गुलाबी लगे भरने

मैंने कहा...
तो मैंने कहा रंगों से, "छलको"
तो वो जग ये सारा रंग गए
और ये कहा, "जीवन है
भाई, मेरे भाई, रंगने के लिए"
रंगने के लिए

मैंने कहा फूलों से, "हँसो"
तो वो खिलखिला कर हँस दिए

मौसम मिला वो कहीं एक दिन मुझको
मौसम मिला वो कहीं एक दिन मुझको
मौसम मिला रे, मैंने कहा, "रुको, खेलो मेरे संग तुम"
मौसम भला रुका जो, वो हो गया गुम

मैंने कहा...
तो मैंने कहा अपनों से, "चलो"
तो वो साथ मेरे चल दिए
और ये कहा, "जीवन है
भाई, मेरे भाई, चलने के लिए"
चलने के लिए
मैंने कहा फूलों से, "हँसो"
तो वो खिलखिला कर हँस दिए
मैंने कहा फूलों से, "हँसो"
तो वो खिलखिला कर हँस दिए