Lata Mangeshkar
Ruke Ruke Se Qadam
[Chorus]
रुके-रुके से क़दम रुक के बार-बार चले
रुके-रुके से क़दम रुक के बार-बार चले
क़रार ले के तेरे दर से बेक़रार चले
रुके-रुके से क़दम रुक के बार-बार चले
रुके-रुके से क़दम

[Verse 1]
सुबह ना आई, कई बार नींद से जागे
सुबह ना आई, कई बार नींद से जागे
थी एक रात की ये ज़िंदगी, गुज़ार चले
थी एक रात की ये ज़िंदगी, गुज़ार चले
रुके-रुके से क़दम

[Verse 2]
उठाए फिरते थे एहसान दिल का सीने पर
उठाए फिरते थे एहसान दिल का सीने पर
ले तेरे क़दमों में ये क़र्ज़ भी उतार चले
ले तेरे क़दमों में ये क़र्ज़ भी उतार चले

[Chorus]
क़रार ले के तेरे दर से बेक़रार चले
रुके-रुके से क़दम रुक के बार-बार चले
रुके-रुके से क़दम