Lata Mangeshkar
Guzra Hua Zamana Aata Nahin (From ”Shirin Farhad”)
गुज़रा हुआ ज़माना आता नहीं दुबारा
हाफ़िज़ खुदा तुम्हारा
गुज़रा हुआ ज़माना आता नहीं दुबारा
हाफ़िज़ खुदा तुम्हारा, हाफ़िज़ खुदा तुम्हारा

खुशियाँ थी चार दिन की, आँसू हैं उम्र-भर के
तन्हाइयों में अक्सर रोएँगे याद कर के

वो वक्त जो कि हमने...
वो वक्त जो कि हमने एक साथ है गुज़ारा
हाफ़िज़ खुदा तुम्हारा, हाफ़िज़ खुदा तुम्हारा

मेरी क़सम है, मुझको तुम बेवफ़ा ना कहना
मजबूर थी मोहब्बत, सब कुछ पड़ा है सहना

टूटा है ज़िंदगी का...
टूटा है ज़िंदगी का अब आख़िरी सहारा
हाफ़िज़ खुदा तुम्हारा, हाफ़िज़ खुदा तुम्हारा

मेरे लिए सहर भी आई है रात बन कर
निकला मेरा जनाज़ा मेरी बरात बन कर

अच्छा हुआ जो तुमने...
अच्छा हुआ जो तुमने देखा ना ये नज़ारा
हाफ़िज़ खुदा तुम्हारा, हाफ़िज़ खुदा तुम्हारा
गुज़रा हुआ ज़माना आता नहीं दुबारा
हाफ़िज़ खुदा तुम्हारा, हाफ़िज़ खुदा तुम्हारा
हाफ़िज़ खुदा तुम्हारा