Shankar Ehsaan Loy
Tak Taki
टकटकी निहारूँ रे
टकटकी निहारूँ रे
बाट तकूँ तेरी
रास्ता सवारूँ रे राह देखूँ तेरी
रिश्ता है मुझसे सच्चा तेरा
फिर भी क्यूँ डर जाए मन ये मेरा
नैन बिछे राह सजी
अब आजा द्वारे पे अब ना कर देरी
आजा रे
टकटकी निहारूँ रे

हर आहट कान धरूँ अब आए तब आए
फूलों की हर क्यारी किलकारी से गाए
जानती हूँ आएगा तू खुशियाँ बरसाएगा तू
फिर भी क्यूँ सहमा है ये सवेरा
रिश्ता है मुझसे सच्चा तेरा
फिर भी क्यूँ डर जाए मान ये मेरा
नैन बिछे राह सजी
सूरज के संग क्यूँ है रात अंधेरी
आजा रे

चंदा में छवि तेरी मुझको दिख जाए
तेरा ही सन्देसा एक हवा भी लाए
सब कुछ धुला धुला है
आसमाँ खुला खुला है
फिर भी क्यूँ इक बादल डाले है डेरा
रिश्ता है मुझसे सच्चा तेरा
फिर भी क्यूँ डर जाए मन ये मेरा
नैन बिछे राह सजी
हो तुझसे जुड़ी है अब साँसें भी मेरी
आजा रे...