Shankar Ehsaan Loy
Kaun Si Dor (From ”Aarakshan”)
[Shreya Ghoshal “Kaun Si Dor ” के बोल]

[Intro]
साँस अलबेली, साँस अलबेली
साँस अलबेली, साँस अलबेली
साँस अलबेली, साँस अलबेली

[Chorus]
कौन सी डोर खींचे?
कौन सी काटे रे, काटे रे?
साँस अलबेली, साँस अलबेली
कौन सी डोर खींचे?
कौन सी काटे रे, काटे रे?

साँस अलबेली
काहे-काहे मोहे बाँटे रे, बाँटे रे?
कौन सी डोर खींचे?
कौन सी काटे रे, काटे रे?

[Verse]
मन जंगल में आँधी, हलचल
पत्ते बिछड़े ना लागे
लहर-लहर उत्पात नदी में
हृदय ज्वार सा जागे

जीवन शोर आए और जाए
जीवन शोर आए और जाए
शाश्वत बस सन्नाटे रे
शाश्वत बस सन्नाटे रे, सन्नाटे रे, सन्नाटे रे
[Chorus]
कौन सी डोर खींचे?
कौन सी काटे रे, काटे रे?
साँस अलबेली, साँस अलबेली
साँस अलबेली, साँस अलबेली

[Verse]
बड़े जतन से फसल लगाई
चुन-चुन बीज रचाए
बाँध टकटकी की रखवारी
तब अंकुर मुस्काए

भाग चिरैया, बड़ी निठुर है
भाग चिरैया, बड़ी निठुर है
कौन जो उसको डाँटे रे?
कौन जो उसको डाँटे रे, डाँटे रे?

[Chorus]
कौन सी डोर खींचे?
कौन सी काटे रे, काटे रे?
साँस अलबेली, साँस अलबेली
साँस अलबेली, साँस अलबेली

[Outro]
साँस अलबेली, साँस अलबेली
साँस अलबेली, साँस अलबेली
साँस अलबेली, साँस अलबेली