Sunidhi Chauhan
Phir Sochna Kya
मैं बस यूँ ही खोई रही
तू भी कहीं खोया रहा
यूँ आकार तेरी-मेरी किस्मत मिली
दिल को है जैसे, दिल की मंज़िल मिली

इस पल ने इशारा किया
हमको है तुम्हारा किया
फिर सोचना क्या, तो फिर सोचना क्या
फिर सोचना क्या

खुद ही तो हो रहा है
इश्क़ नया, फिर रोना क्या

जितनी दफ़ा तुम चाहो इश्क़ हो
आने न देंगे, न देंगे दोनों सुबह को

पहेले जरा बाहों में हमको लो
फिर जो भी दिल में है वो होने दो

इस पल ने इशारा किया
हमको है तुम्हारा किया
फिर सोचना क्या, तो फिर सोचना क्या
फिर सोचना क्या