Jagjit Singh
Tu Nahin To Zindagi Men Aur Kya
तू नहीं तो जिन्दगी में और क्या रह जाएगा
तू नहीं तो
तू नहीं तो जिन्दगी में और क्या रह जाएगा
तू नहीं तो

दूर तक तनहईयों का,दूर तक तनहईयों का
सिलसिला रह जाएगा
तू नहीं तो

दर्द की सारी तहें और सारे गुज़रे हादसे
दर्द की सारी तहें और सारे गुज़रे हादसे
सब धुआँ हो जायेंगे, एक वाकिया रह जाएगा

तू नहीं तो जिन्दगी में और क्या रह जाएगा
तू नहीं तो

यूँ भी होगा वो मुझे, दिल से भूला देगा मगर
यूँ भी होगा वो मुझे, दिल से भूला देगा मगर
ये भी होगा खुद उसी में एक खला रह जाएगा

तू नहीं तो जिन्दगी में और क्या रह जाएगा
तू नहीं तो

दायरे इन्कार के इकरार की सरगोशिया
दायरे इन्कार के इकरार की सरगोशिया
ये अगर टूटे कभी तो फासला रह जाएगा
तू नहीं तो जिन्दगी में और क्या रह जाएगा
तू नहीं तो