Pritam
Zindagi
जिंदगी तुने कैसा टाँस खेळा है
रात भर गयी कभी तो दिन
अकेला है
जिंदगी तुने कैसा टाँस खेळा है

सुकून भी तो देख भी तो
डराये रखती है
उम्मीद के चिराग भी
जलाये रखती है

हमने कितनी देर तेरा
दर्द झेला है
जिंदगी तुने कैसा टाँस खेळा है
रात भर गयी कभी तो दिन
अकेला है
जिंदगी तुने कैसा टाँस खेळा है