Pritam
Jannatein Kahan (Power Ballad)
ज़रा सा ज़रा सा
वो ओह ओह
लगे तू खफा सा
वो ओह ओह
ज़रा सा ज़रा सा
वो ओह ओह
गिला बेवजह सा
वो ओह ओह
तेरे ही लिए तुझसे हूँ जुड़ा
जन्नतें कहाँ बिन हुए फ़ना
वह आ ओह
वह आ ओह

ज़रा सा ज़रा सा
वो ओह ओह
रहूँ में धुआं सा
वो ओह ओह
तेरे ही लिए तुझसे हूँ जुड़ा
जन्नतें कहाँ बिन हुए फ़ना
वह आ ओह
वह आ ओह

फिर कहाँ, फिर कहाँ
खो गया रास्ता
यूँ तोह आंखों के ही सामने
था मंज़िल का पता
फिर भी जाने कैसे रह गया
ये दो कदम का फासला
ये दरमियाँ अपने दरमियाँ
जन्नतें कहाँ बिन हुये फना
वह आ ओह
वह आ ओह
वह आ ओह
वह आ ओह
वह आ ओह
वह आ ओह