Amit Trivedi
Hum Thay Seedhe Saadhe
हम थे सीधे-सादे, मगर आँखों से मजाल हुई है
रात में ये चोरी करें, दिन में कोतवाल हुई है
हम थे सीधे-सादे, मगर आँखों से मजाल हुई है

ऐसे तू मिली है, जैसे शाम को हवा
तू ही रास्ते की ठोकर और तू ही दवा
ऐसे तू मिली है, जैसे शाम को हवा
तू ही रास्ते की ठोकर और तू ही दवा

बेशुमार है, तू ख़ुमार है, तू ख़ुमार है
ख़ाली घूमती थी नज़र, तुझ पे अब बहाल हुई है
हम थे सीधे-सादे, मगर आँखों से मजाल हुई है, हुई है

ओ, अब कहाँ यहाँ से जाना, बस तुझे पता
हर छुपा हुआ ख़ज़ाना, बस तुझे पता
रात में घुला उजाला, बस तुझे पता
हमने कैसे दिल सँभाला, बस तुझे पता

हम निहाल हैं, तू कमाल है, तू कमाल है
जो क़रार सा हो ज़ेहन में तू वही ख़याल हुई है
हम थे सीधे-सादे, मगर आँखों से मजाल हुई है, हुई है