Sonu Nigam
HERO: A TRIBUTE TO SONU SOOD
कहते है कि अमीरी कोई मायने नहीं रखती है साहब , आपकी हैसीयत असल मे आपके कारनामे बताते है!

मुम्बई था आया कभी पांच हज़ार ले के, इसी लिए पता कि कमी किसे कहते है!
नेगेटिव रोल फिर भी दिलों पे है राज आसमान छू के जानता है जमीन किसी कहते है!
जो पैदल ही धूप में घर को चले
भूखे कितने दिनों से थे सूखे गले
इस समय में वो रब का फरिश्ता बना
उनका हिस्सा बना जाके खुद इस तरह!

हाथ थामा, आँसू पोंछे, नही छोड़ी कसर!
ऐसे मुश्किल सफर में न फिर दरबदर!
माँ को बोल दे के जल्दी मैं आ रहा है घर!
होते दिल सब के पास इनके पास है जिगर!

चौखट को लांघा, दौलत के भी तोड़े बांध सारे
ट्विटर पर ट्वीट कर के बनते है महान सारे
और कर के चैरिटी जो डाले स्क्रीनशॉट
हार्ड बोहत हार्ड बोहत सुनके ऎसी का बटन दबा रे

आज इतने खुश सभी कि खुशी का ठिकाना नहीं!
सोनू भैया कह रहे कि पैदल वापस जाना नहीं!
बहाना नहीं अब आंसुओं को, कुछ समय की बात!
उनके बाद ही निवाला खाया पहले मुँह में दाना नहीं

इक उम्मीद संग तुमहरे जैसे भी हालात हो
है करीब रब अगर जो दिल से तुम यह मान लो!
कि ठान लो अगर कभी तो आज़मा के देख लो
रोशनी मिलेगी जितनी मर्ज़ी काली रात हो!
माँ होगी खुश आज, सपना कर दिया साकार!
पैसे सब कमाते नहीं कमा सका है कोई प्यार
ऐसा कर दिया है काम शून्य पे मगर सवार
फिल्मों में हो विलन पर असल जीवन के सुपरस्यर

ऊपर चार लोग नहीं थे, अजनबी सा शहर था!
जेब में नहीं पैसा बस मुसीबतों का कहर था!
ज़हर था वह वक़्त फिर भी घूंट हँस के मार ली!
खुद पे जब यक़ीन था तो क्यों भला वो ठहरता!

डगर डगर चला वह खुद का कारवां बना लिया!
चोट या दगा मिली तो फलसफा बना लिया!
वक़्त बढ़ चला तो खुद का दायरा बढ़ा लिया!
दिल को जीता खुद को दिल का बादशाह बना लिया!

आज जो भटक रहे हैं, मन में इक उम्मीद है!
बंदा नहीं है आम कहते रब का वह मुरीद है!
धर्म की न डोर थामी, भेद भाव न किया
कर्म इतने पाक यह खुदा भी चश्मदीद है!

लेट के दुआएं दे रहे है माँ की गोद में!
रोज़ ही सफर नया, नयी शफा की खोज में!
पोहच रहे है लोग क्योंकि दे रहे हो साथ आप
मिट्टी का शरीर, दिल मगर बना है मोम से!

अपने ही देश मे जो बन रहे मुहाजिर कौन!
सभी ही जब एक से तो कर्मी कौन काफ़िर कौन!
ऐसे में दिल से सलाम सर आपको!
आज पता चला हमें असल हीरो आखिर कौन!