Sonu Nigam
Sau Dard
१०० दर्द हैं, १०० राहतें
सब मिला, दिलनशीं
एक तू ही नहीं

१०० दर्द हैं, १०० राहतें
सब मिला, दिलनशीं
एक तू ही नहीं

रूखी-रूखी सी ये हवा
और सूखे पत्ते की तरह
शहर की सड़कों पे मैं
लावारिस उड़ता हुआ

१०० रास्ते
पर तेरी राह नहीं

१०० दर्द हैं, १०० राहतें
सब मिला, दिलनशीं
एक तू ही नहीं

बहता है पानी, बहने दे
वक़्त को यूँ ही रहने दे
दरिया ने करवट ली है तो
साहिलों को सहने दे

१०० हसरतें
पर तेरा ग़म नहीं
तन्हा, तन्हा, तन्हा है, तन्हा है
तन्हा चल, तन्हा चल, तन्हा, तन्हा
१०० दर्द हैं, १०० राहतें