Sonu Nigam
Chanda Ki Doli (From ”Chanda Ki Doli”)
चंदा की डोली में, परियों की झोली में
शहज़ादी आई मेरी
चंदा की डोली में, परियों की झोली में
शहज़ादी आई मेरी
चंदा की डोली में, परियों की झोली में
ख़ुशियाँ वो लाईं मेरी

पलकों के दर से वो आँखों के घर में रहे
ख़ाबों को सच होने दे
पलकों के दर से वो आँखों के घर में रहे
ख़ाबों को सच होने दे

हर इक दुआ में उसको ही माँगा सदा
वो भी मुझे माँग ले
चंदा की डोली में, परियों की झोली में
शहज़ादी आई मेरी, ओ

आने से उसके यहाँ महका है सारा समाँ
उसको तो सजदा करें अब ये ज़मीं-आसमाँ
मुझे है यक़ीं, इतना हसीं पहले कहीं देखा नहीं

सुन ले ज़रा तू, ये इल्तिजा है, ख़ुदा
वो काश मुझ को मिले
चंदा की डोली में, परियों की झोली में
शहज़ादी आई मेरी, ओ
ख़ाबों, ख़ाबों का आओ एक घर बनाए
हरसू जहाँ हम मोहब्बत सजाए
सुबह-शाम हो जहाँ दिलकशी
रातें मिलें शबनमी

एक चाँद जैसे तारों के दिल में पले
ये प्यार ऐसे खिले
चंदा की डोली में, परियों की झोली में
शहज़ादी आई मेरी

चंदा की डोली में, परियों की झोली में
शहज़ादी आई मेरी
चंदा की डोली में, परियों की झोली में
ख़ुशियाँ वो लाईं मेरी

पलकों के दर से वो आँखों के घर में रहे
ख़ाबों को सच होने दे
पलकों के दर से वो आँखों के घर में रहे
ख़ाबों को सच होने दे

हर इक दुआ में उसको ही माँगा सदा
वो भी मुझे माँग ले
चंदा की डोली में, परियों की झोली में
शहज़ादी आई मेरी, ओ