Navraj Hans
Garje Gajraj Hamare
शोर मचा है जंगल में
सूँड़ उठाये दंगल में
गरजे गजराज हमारे
गरजे गजराज हमारे
हो शोर मचा है...

इनको न तुम छेड़ो भैया
सनक न जाये इनका पहिया
अरे इनको न तुम छेड़ो भैया
सनक न जाये इनका पहिया
ये वैसे तो कूल है
पर इनका एक उसूल है
ये भूलते न भई कुछ भी
इनसे पंगा लेना भूल है

ये बैठ भी जाए
तो होते हैं शेर से ऊपर
ये ता ता थैया करते
बड़े मस्त मौजी बनकर
भागे सारे पाँव पसारे
गरजे जब गजराज हमारे
शोर मचा है जंगल में...

धम धम धम धम धम
कांपे धारा धारा ये
जब पंजा रखे भरा भरा ये
हो, धम धम कांपे धारा धारा
जब पंजा रखे भरा भरा ये
मृगनैनी आँखों में बस जा
या फिर उनके रस्ते से हट जा
प्यार से बोलो गोद उठा ले
आंख दिखाई तो धोबी पछाड़े
हो इनका जंगली है टशन
खुद में रहते हैं मगन
शेर खान भी करे हैं
उनके सामने जतन
मिलकर धरती अंबर सारे
करते शत शत नमन तुम्हारा
शोर मचा है जंगल में...